Wednesday, July 22, 2015

परमात्मा ने कर दिया

इलाहाबाद में रामबाग स्थित हनुमान की मूर्ति को  महाराज जी 'कन्ट्रोलर जनरल' कहकर संबोधित करते थे.

एक दिन श्री मां महाराज जी के साथ मंदिर में थीं तो उन्होंने देखा कि पहली मंजिल स्थित हनुमान जी की मूर्ति का दर्शन करने के लिए एक बुजुर्ग महिला सीढियां चढ़ रही हैं. वे बड़ी मुश्किल से सीढ़िया चढ़ पा रही थी. यह देखकर मां द्रवित हो गयीं और उन्होंने इस ओर महाराज जी का ध्यान आकृष्ट किया. बाबाजी ने मंदिर के प्रबंधक से पूछा कि "क्या हनुमान जी नीचे नहीं उतर सकते? माताओं को यहां तक पहुंचने में कितनी दिक्कत होती है."

प्रबंधक और मंदिर के पुजारी बाबा को जानते थे लेकिन प्रबंधक ने मूर्ति को नीचे स्थापित करने में असमर्थता जाहिर की और कहा कि इस बारे में कुछ नहीं किया जा सकता.

बाबाजी ने सिर्फ एक सवाल किया था और प्रबंधक का जवाब सुनकर चले गये लेकिन उस सवाल का जवाब देते हुए ईश्वर ने काम को पूरा कर दिया.

कुछ ही समय बाद घनघोर बारिश हुई और पुराने मंदिर का वह पिछला हिस्सा गिर गया जहां मूर्ति स्थापित थी. मंदिर के और किसी हिस्से को कोई नुकसान नहीं हुआ. बिल्कुल खड़े अवस्था में हनुमान जी नीचे आकर विराजमान हो गये. हनुमान जी की मूर्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ. बाद में मूर्ति के आसपास नये सिरे से मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया.

(रवि प्रकाश पांडे 'राजीदा', द डिवाइन रियलिटी, दूसरा संस्करण, 2005, पेज- 128)

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🌺 जय जय नींब करौरी बाबा! 🌺
🌺 कृपा करहु आवई सद्भावा!! 🌺
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