नैनीताल की श्रीमति विधा शाह ने एक दिन मन में सोचा कि महाराज आप सब के घर आते है, मेरे घर भी आओ किसी दिन पर संकोचवश कह नहीं पायी। आपका घर बाज़ार में था, संकरी सीढ़ियाँ थी आपकी। बाबा का डील- डोल देख कर आपको लगा कि बाबा के लिये उपर सीढ़ियाँ चडना मुश्किल है। अचानक आप के मन की बात जानते हुए बाबा स्वत: बोल उठे," हम तेरे घर आयेंगे, तू हवन करवा।"
आपने मंदिर के पुजारी से हवन का अनुष्ठान करवाया। जिस दिन पूर्णाहूति हुई आप प्रसाद लेकर घर आ रही थी तो देखा कि रास्ते भर एक दुबला पतला साधू आपके पीछे पीछे चला आ रहा है। इससे आपको कुछ मानसिक परेशानी हुई। वे बराबर आपके पीछे चल रहा था। घर आने का रास्ता जो कि एक पंजाबी परिवार के घर से होकर जाता था, वहाँ आप सीढियों से ऊपर चढ़ गयी। उस साधू को उनके पीछे देखकर, पंजाबी परिवार ने उसे ढांट कर भगा दिया। हालांकि उनकी समझ में नहीं आया कि वो साधू पीछा क्यूँ कर रहा है।
इस घटना के कुछ समय बाद आप बाबा के पास बैठी थीं कि आपके मन में ख़्याल आया कि बाबा ने घर आने की बात कहीं थी उनके कहे अनुसार यज्ञ भी करवाया पर बाबा नहीं आये। इस पर बाबा तुरंत बोल उठे" हम तो आये थे, पर तेरे यहाँ पंजाबिन ने हमें भगा दिया।" आप बाबा को पहचान न पाई, अपने पर आपको बहुत ग्लानि हुई। बाबा तो किसी भी रूप में आपको मिल सकते है, बस आप पहचान लीजियेगा।
Jai baba ji Ram Ram
ReplyDeleteJay ho baba ji ki baba ji Maharaj ham pr bi kirpa kro
ReplyDeleteNeem karoli baba ki jay
ReplyDeleteजय बाबा
ReplyDeleteJai Baba ki
ReplyDeleteJai Baba ji ki ...
ReplyDeleteBaba mujhe Darsan dijiye mai bahut bechan hu .
ReplyDeleteJai baba ji ki.
ReplyDeleteJai baba ki baba ap b mere ghr aaiye 🙇
ReplyDeleteजय हनुमान जी की जय नीम करौली बाबा की
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